ऐतरेय उपनिषद का अर्थ
[ aiterey upenised ]
ऐतरेय उपनिषद उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- मुख्य उपनिषदों में से एक :"ऐतरेय उपनिषद् ऋग्वेद से संबंधित है"
पर्याय: ऐतरेय उपनिषद्, ऐतरेय
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ऐतरेय उपनिषद एक शुक्ल ऋग्वेदीय उपनिषद है।
- ऐतरेय उपनिषद ' ही है जो ऋग्वेद का उपनिषद है।
- वरन् ॠग्वेद का एक उपनिषद उनके नाम से ऐतरेय उपनिषद जाना
- ऐतरेय उपनिषद में तेज को ज्योतिषी कहा गया है अर्थात ग्रह और नक्षत्र तेजोमय होने से ज्योतिषी कहा है।
- दूसरे के उत्तरार्द्ध के शेष चार परिच्छेद वेदांत ग्रंथ के रूप में गिने जाते हैं , इसलिए उनका नाम ऐतरेय उपनिषद है।
- इस लिए जरूरी है की मनु-स्मृती अथवा ऐतरेय उपनिषद की जो बाते कही गयी है , उनका पूर्वग्रहरहित अभ्यास हो .
- इसका वर्णन ऐतरेय उपनिषद ( लगभग 6000 से 7000 ईसा पूर्व ) 1 / 1 / 4 तथा 1 / 2 / 4 में भी मिलता है ।
- इसी तरह एक ब्राह्मण की रखैल का पुत्र ऐतरेय भी न केवल ॠषि बना , वरन् ॠग्वेद का एक उपनिषद उनके नाम से ऐतरेय उपनिषद जाना जाता है ।
- ऐतरेय ऋषि दास अथवा अपराधी के पुत्र थे | परन्तु उच्च कोटि के ब्राह्मण बने और उन्होंने ऐतरेय ब्राह्मण और ऐतरेय उपनिषद की रचना की| ऋग्वेद को समझने के लिए ऐतरेय ब्राह्मण अतिशय आवश्यक माना जाता है|
- ऐतरेय ऋषि दास अथवा अपराधी के पुत्र थे | परन्तु उच्च कोटि के ब्राह्मण बने और उन्होंने ऐतरेय ब्राह्मण और ऐतरेय उपनिषद की रचना की | ऋग्वेद को समझने के लिए ऐतरेय ब्राह्मण अतिशय आवश्यक माना जाता है |